छोटी दिवाली 2023: भारतीय संस्कृति में दीपावली एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो खुशी, उत्साह और आशीर्वादों का पर्व है। दिवाली के पहले दिन, जिसे ‘चोटी दिवाली’ या ‘नरक चतुर्दशी’ कहते हैं, व्यक्तियों को नरकासुर के वध का उत्सव करने का अवसर मिलता है। यह दिन धर्मिक रूप से उत्साही और शक्ति से भरा होता है।
2023 दिवाली, भारत में एक बहुत ही उत्साही और खुशीखुशी मनाने वाले त्योहारों में से एक है। यह दिवाली के पांच दिनों के उत्सव का दूसरा दिन है जिसे नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली के रूप में भी जाना जाता है। 2023 में, छोटी दिवाली 11 नवंबर को पड़ रही है। यह ब्लॉग आपको 2023 में छोटी दिवाली के महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में जानकारी देगा।
मुहूर्त और तिथि: छोटी दिवाली 2023
छोटी दिवाली का आयोजन विशेष मुहूर्त में किया जाता है। इस वर्ष, छोटी दिवाली 2023 नवम्बर 11 को पड़ रही है। यह तिथि भारतीय पंचांग के अनुसार है, इसलिए इस दिन पूजा और उत्सव का आयोजन करने का अधिक फलदायक हो सकता है।
मुहूर्त:
- प्रात: 05:32 से 06:49 बजे
- शाम: 17:36 से 20:05 बजे

छोटी दिवाली का महत्व
दिवाली, जिसे काली चौदस या नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है, हिंदू पौराणिक कथाओं में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह माना जाता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर को परास्त किया था, जिससे वे जगह को उसकी उत्पीड़न से मुक्त कर सके। छोटी दिवाली उजाले के अंधकार पर विजय, अच्छाई पर बुराई, और ज्ञान पर अज्ञान की विजय का त्योहार है।
इस दिन, लोग सूर्योदय से पहले नहाते हैं, शरीर पर तेल लगाते हैं, और पूजा और अर्चना के माध्यम से अपने पितृदेवों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
छोटी दिवाली 2023 के शुभ मुहूर्त
यहां 2023 में दिवाली के मुख्य मुहूर्त का विवरण है:
सूर्योदय: सुबह 6:08 बजे सूर्यास्त: शाम 5:49 बजे
छोटी दिवाली प्रदोष काल: शाम 5:45 बजे से 8:15 बजे तक
दिवाली चतुर्दशी तिथि: 11 नवंबर को सुबह 6:20 बजे शुरू होकर 12 नवंबर को सुबह 4:47 बजे तक रहेगी।
छोटी दिवाली योग
ज्योतिष के संदर्भ में योग वह विशेष ग्रह संयोग हैं जो विभिन्न गतिविधियों के लिए शुभ मानी जाती हैं। 2023 में छोटी दिवाली को नक्षत्र वैधृति योग के रूप में जाना जाता है जो आध्यात्मिक और धार्मिक कार्यों के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है।

छोटी दिवाली 2023 की पूजा विधि
छोटी दिवाली के दिन विशेष रूप से गंध, दीप, नैवेद्य और पुष्प आर्पित करने का परंपरागत तरीका है। यहाँ एक सरल पूजा विधि दी जा रही है:
सामग्री:
- दीपक, घी, बत्ती
- रंगोली के अवश्यक सामग्री
- फूल, अच्छे आराम से मिल जाते हैं
- गुड़, गुड़ की मिठास, अच्छा सा टुकड़ा
- गंध, अच्छा सा चुटकुला
- आरती की थाली
पूजा विधि: छोटी दिवाली
- आरम्भ: पूजा का आरंभ गणेश वंदना और गणेश पूजन से करें।
- रंगोली: घर के दरवाजे और आंगन में रंगोली बनाएं। यह सुंदरता और शुभता लाता है।
- दीप पूजन: घर के अंधेरे हिस्सों में दीपक जलाकर आंतरिक रौशनी बढ़ाएं।
- नरक चतुर्दशी व्रत: चावल और उरद दाल के लड्डू, चना दाल और जव के दाने के लड्डू तैयार कर व्रत करें।
- गोवत्स द्वादशी: दिवाली के दूसरे दिन गोवत्स द्वादशी का उपाय करें। गाय का पूजन करने से धन, समृद्धि और सुख-शांति मिलती है।

समापन
दिवाली को ध्यान, पूजा और योग के माध्यम से आत्मा को ऊर्जित करने का अद्वितीय अवसर है। यह एक पावन दिन है जिसे आप अपने परिवार और अपनी समृद्धि के लिए समर्पित कर सकते हैं। इस चोटी दिवाली, आत्म-विकास और आत्म-समर्पण के रंग-बिरंगे पलों को अपनाकर आप नए ऊर्जित आरंभों की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।
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